Barish Shayari in Hindi | बारिश शायरी

Barish Shayari in Hindi
Barish Shayari in Hindi

Barish Shayari in Hindi – बारिश का मौसम, वह एक सुंदर रूप है जो हर किसी के दिल को छू जाता है। यह मौसम न केवल प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाता है, बल्कि दोस्तों और परिवार से भी लोगों को जोड़ता है। बारिश का मौसम एक ऐसा अनुभव है जिसे हर कोई अपने दिल में सजाकर रखता है। इस मौसम को और भी रोमांटिक बनाने के लिए हम लेकर आए हैं कुछ बारिश शायरी के रूप में।

Barish Shayari in Hindi

मौसम है बारिश का,
और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से सिर्फ,
तुम्हारी आवाज आती है !

सभी मौसम में बारिश का,
मौसम मुझे भाता बहुत है,
जब आता है तेरी याद संग लाता है !

ऐ रब इस हसीन सावन की बस एक ही खाव्हिश है,
भीग लूँ मैं एक दफा बस यही फरमाइश है ।

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे,
छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली,
हो जाती है पर हाथ खा ली ही रह जाते है !

बारिश और मोहब्बत दोनों ही,
यादगार होते है बारिश में जिस्म,
भीगता है और मोहबब्त में आंखे !

पहले बारिश होती थी तो तुम याद आते थे,
अब तुम याद आते हो तो बारिश होती है !!

मौसम चल रहा है इश्क का साहिब,
जरा सम्भल कर के रहियेगा !

अब कोन घटाओ को घुमड़ने से रोक पायेगा,
जुल्फ जो खुल गयी तेरी लगता हैं सावन आयेंगे !

जब लुत्फ़ का मंजर देखता रहता हूँ बारिश में,
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में !

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम !

ए बारिश यूं ना सता मुझे अब वो,
हमसफर मेरा नहीं किसी और का हैं !!

बारिश आती है प्यार बढ़ाने के लिए,
मगर आप घर के बाहर निकलते ही नहीं !

छत टपकती हैं उसके कच्चे घर की वो,
किसान फिर भी बारिश की दुआ करता है !!

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,
फिर भी फ़िजा को रंगीन बना देता है !!

खुद को इतना भी ना बचाया करो,
बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो !

कुछ तो चाहत रही होंगी,
इस बारिश की बूंदो की,
वर्ना कौन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुंचने के बाद !!

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से,
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !

कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे,
तन्हा तो मेरी आंख हर रोज बरसाती हैं !!

मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है !

सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में,
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !

हमारे शहर आ जाओ,
सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं,
कभी आँखे बरसती हैं !!

सुबह का मौसम बारिश का साथ है,
हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है,
बना के रखिए चाय और पकौड़े
बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं !

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का !

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है !
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !

पहली बारिश का नशा ही,
कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही,
सीधा दिल पे असर होता है !

कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए,
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है !

बारिश की बुंदे भी क्या वफा निभाती हैं !
दूर आसमा से निकल कर,
जमी में मिल जाती हैं !

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!

हो रही है बारिश,
पूरा शहर ये वीरान है,
एक हम ही तो उदास नहीं,
सारा शहर परेशान है !

तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमगन हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं !

गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !

मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !

बारिश की बूंदे आज मेरे चेहरे को छू गई,
लगता है शायद आसमा को जमी मिल गई !

ख्वाहिशें तो थी
तेरे संग बारिश में भीगने की
पर ग़मों के बादल कभी
छाते ही नहीं !!

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!

मौसम चल रहा है इश्क का साहिब
जरा सम्भल कर के रहियेगा !!

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है
मन करता चीख कर कह दू
हमको तुमसे बहुत प्यार है !!

तेरे इंतजार का मजा ही
कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे
इस मौसम का
मजा भी कमजोर है !!

कह दो बादलों से
कुछ पानी मेरी आँखों से
उधार ले जाये !!

जो वो बरसा तो
इश्क़ होगा और मैं बरसा तो
बस अश्क होगा !!

जरा ठहरो की बारिश हे
यह थम जाये तो फिर जाना
किसी का तुम को छू लेना
मुझे अच्छा नहीं लगता !!

पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा
की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे
तो गिन लो बरसती हुई इन बूंदो को तुम !

बारिश सुहानी और
मोहब्बत पुरानी
जब भी मिलती है
नई सी लगती है !!

ए बारिश कहीं और जाके बरसा कर
मेरा दिल बहुत कमजोर है
बात बात पर रोया करता है !!

कितना कुछ धुल गया
आज इस बारिश में
हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी
धुल गए इस बारिश में !!

मोहब्बत तो वो बारिश है
जिसे छूने की चाहत मैं
हथेलियां तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते है !

पहली बारिश का नशा ही
कुछ अलग होता है
पलको को छूते ही
सीधा दिल पे असर होता है

तुम्हारे चेहरे का मौसम
बड़ा सुहाना लगे
मैं थोडा लुफ्त उठा लू
अगर बुरा न लगे !!

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का
हर एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और
संग तुम चाहिए !!

सुहाना है बारिश का
मौसम दीवाना हूं तेरा
यार पागल है तेरे प्यार में
करता है बस तेरा इंतजार..!

जुल्फें जो उनकी खुल गई
लगता है सावन आ गया
अब कौन रोकेगा घटाओ
को घूमने से लगता है
बारिश का मौसम आ गया..!

बारिश की बूंदे आज
मेरे चेहरे को छू गई
लगता है शायद आसमा
को जमी मिल गई..!

जरा सी बारिश ने यूं ही भीगा दिया
तकिए तो गीले थे आंसुओं से
अधूरे ख्वाबों ने हमें जीना सिखा दिया.!!

आज का मौसम प्यार
का मौसम होना चाहिए
बारिश तो आ जाएगी
बस बादल होना चाहिए.!!

शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,
मेरे अन्दर बारिश होती रहती है

आज बादल काले घने हैं
आज चाँद पे लाखों पहरे हैं
कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के
बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं

याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था

बादलों से कह दो, जरा सोच समझ कर
बरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी,
तो मुकाबला बराबरी का होगा

मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।

कितना अधूरा लगता है तब,
जब बादल हो पर बारिश ना हो,
जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,
और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो.

बादलों को आता देख के मुस्कुरा लिया होगा,
कुछ न कुछ मस्ती में गुनगुना लिया होगा,
ऊपर वाले का शुक्र अदा किया बारिश के होने से,
के इस बहाने तुमने नहा लिया होगा ।

ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!

मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ

अगर भीगने का इतना ही शौक है,
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है,
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है ।

हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी

इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद
करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..

कभी बेपनाह बरस पडी, कभी गुम सी है,
यह बारिश भी कुछ – कुछ तुम सी है।

एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।

बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की

आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं,
रोता तो आसमान भी है अपने बिछड़े प्यार के लिए,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं।

बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है
फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा हैं
यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है

मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है।

कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है
हमे तुम यूँही पागल मत समझो
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है

कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।

काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो
मेरी जिंदगी से,
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और
वो मेरे आँसू पढ़ ले।

उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।

ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे
आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए

वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।\

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,
अब याद आते हो तो बारिश होती है

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं

जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।

किस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते है
सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नही !

हवा संग बह चला जाएगा ये बादल भी मगर
ये मेरे शहर आया है अब अदब से भीगना होगा !

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते-चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है !

सीने में समुन्दर के लावे सा सुलगता हूँ
मैं तेरी इनायत की बारिश को तरसता हूँ

मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है
कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !

मुझे मार ही ना डाले इन बादलो की साज़िश
ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो !

बहुत दिनों बाद मेरे शहर में बारिश हुई, अब देखो,
कुछ बूँदें अभी भी पलकों के चारों ओर लिपटी हुई हैं।

जिनके पास सिक्के थे वो
मज़े से भीगते रहे बारिश में
जिनके पास नोट थे
वो छत तलाशते हुए रह गए !!

खिड़की के शीशे गीले हैं
मेरा दिल भी गीला है
लगता है कल रात बारिश हुई है
बाहर भी और अंदर भी।

वा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !

कुछ तो चाहत होगी इन बारिश की
बूंदो की वरना कौन गिरता है इस
ज़मीन पर आसमान तक पहुँचने के बाद !

न कोई छत्रछाया है न कोई मोह माया है
बारिश से ज्यादा तो मुझको तेरी यादों ने भिगाया है !!

मुझे फ़ुरसत ही कहाँ मौसम सुहाना देखूं
मैं तेरी याद से निकलूं तो ज़माना देखूं !!

अपने विचारो मे ताक़त रखो आवाज़ मे नही
क्योंकि फसल बारिश से होती है बाढ़ मे नही !

किया न करो मुझसे इश्क़ की बाते
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं राते !

बारिशो की भी अपनी कहानी है
जैसे अश्को के साथ बहता पानी है !!

ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।

हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है
और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।

हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश
की बूँदे मगर मेरी आँखों से
ये सावन आज भी हार जाता है।

जिसके आने से
मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को
हरा करते हैं !!

ये बारिश भी बिल्कुल तुम्हारी तरह है,
फर्क सिर्फ इतना है,
तुम मन को भीगा देते हो,
वो पूरे तन को भीगा देती है।

मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं

तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद
काले सियाह बादलो ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे

बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं
फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में

खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है

सुना है बाजार में गिर गए हैं दाम सारे इत्र के
बारिश की पहली बूंदों ने आज मिटटी को छुआ है

कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है

मेरे घर की मुफलिसी को देख कर
बदनसीबी सर पटकती रह गई
और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद
छत कई दिन तक टपकती रही रह गई.

कभी जी भर के बरसना,
कभी बूँद-बूँद के लिए तड़पना,
अये बारिश तेरी आदतें भी मेरे यार जैसी हैं।

क्या तमाशा लगा रखा है,
तूने ए-बारिश बरसना ही है , तो जम के बरस.
वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*