Alone Shayari in Hindi | अकेलेपन की शायरी

Alone Shayari in Hindi
Alone Shayari in Hindi

Alone Shayari in Hindi अकेलेपन, एक ऐसा अहसास है जो हर किसी के जीवन में कभी-ना-कभी आता है। तन्हाई में हमारी भावनाएं अलग-अलग रूपों में सामने आती हैं और इसे शायरी के माध्यम से व्यक्त करना एक अद्वितीय तरीका है। यहां हम कुछ ‘अकेलेपन की शायरी’ के माध्यम से उन भावनाओं को छूने का प्रयास करेंगे:

Alone Shayari in Hindi

मेरी तन्हाई मार डालेगी दे-दे कर ताने मुझको,
एक बार आ जाओ इसे तुम खामोश कर दो !

मोहब्बत में कसूर किसी का भी हो,
अकेलेपन का सजा हमेशा बेकसूर को मिलता है !

अकेला होकर भी अकेला नहीं हूँ मैं,
कुछ यूँ सहारा दिया है तेरी यादो ने मुझे !

ये जो मैं बेवजह उसकी तलाश करता रहता हूँ
क्या मैं खुद ही खुद को बर्बाद करता रहता हूँ !

बात इतनी है के तुम बहुत दुर होते जा रहे हो,
और हद ये है कि तुम ये मानते भी नही !

निभाने वाले आपकी हर गलती माफ़ कर देते हैं,
और छोड़ने वाले बिना गलती के भी छोड़ जाते हैं !

सुन अकेला रहना और अकेलेपन में रहना,
वैसा ही होता है जैसे की मुस्कुराना और गम में रहना !

फितरत में नहीं है मेरे हर चेहरे पे मिट जाना,
तुझे चाहने में भी जमाने लगे है मुझे !

बड़े ही हसीन अंदाज से उसने दिल पर वार किया,
पहले प्यार किया फिर अकेलापन देकर दरकिनार किया !

मुझको मेरे अकेलेपन से अब,
शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे,
खुद से भी मुहब्बत नहीं है !

सब Busy हैं किसी ना किसी काम में पर,
हम आज भी खाली बैठे है आपके इंतजार में !

न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में,
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं !

अब वही होगा जो दिल चाहेगा,
आगे जो होगा देखा जायेगा !

छुपी होती है लफ्जों में गेहरी राज की बातें,
लोग शायरी या मजाक समझ के बस मुस्कुरा देते हैं !

जिंदगी में कुछ गलत लोगों ने,
आकर हमें जिंदगी का,
सही सबक सिखा दिया !

अकेलेपन की शायरी इन हिंदी

ए दिल जिसके दिल में तेरे लिए
कोई जगह ही नहीं है,
वही तेरे लिए खास क्यों है !

खुद से ही बातें हो जाती है अब तो,
लोग वैसे भी कहा सुनते है आज कल !

कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं !

बस मेरी एक आखरी दुआ कबूल हो जाए
इस टूटे दिल से तेरी यादे दूर हो जाए !

बारिश की हर एक बूंद को पता है
कि अकेलापन क्या होता है !

यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर,
रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है !

हालात खराब हो तो अपने ही,
गैरो के जैसा बर्ताव करने लगते है !

जो अकेले रहना सीख जाते है,
उन्हें फिर किसी और की जरुरत नहीं पड़ती !

तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू !

शायद वो बेहतर की तलाश में है,
और हम तो अच्छे भी नही है !

तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन,
तसल्ली बस इतनी सी है,
अब कोई फरेब साथ नहीं !

आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है,
साथ हैं सब मगर दिल क्यों अकेला सा लगता है !

Alone Shayari 2 Lines in Hindi

अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता है,
अकेलेपन का हर एक आँसू अकेले ही पीना होता है !

कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें,
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें !

वो मन बना चुके थे हमे छोड़ जाने का,
किस्मत तो सिर्फ उनके लिए एक बहाना था !

एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी,
लौट आओ जिंदगी से वफा निभाई नहीं जाती !

मेने बंद कर दिया दिखाना की,
मुझे हर्ट होता है क्यूंकि मेरी,
फीलिंग्स समझने वाला कोई नहीं है !

मुझको मेरे अकेलेपन से अब,
शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे,
खुद से भी मुहब्बत नहीं है !

अकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँ,
खुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रहा हूँ !

काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को,
किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते !

न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में,
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं !

कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम,
तुम्हारे बगैर अगर तुम देख लेते तो,
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे !

मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे,
तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन्हा ही तू रहने दे।

तन्हाई में चलते चलते
अब पैर लडखडा रहे हैं,
कभी साथ चलता था कोई,
अब अकेले चलें जा रहे हैं।

मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा,
मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है।

मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है।

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।

कैसे गुजरती है मेरी
हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे।

दिल गया तो कोई आँखें भी ले जाता,
फ़क़त एक ही तस्वीर कहाँ तक देखूँ।

वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नही होती है,
जितनी किसी अपने के बदल जाने से तकलीफ होती है।

ज़ख़्म खरीद लाया हूं बाज़ार-ए-इश्क़ से,
दिल ज़िद कर रहा था मुझे इश्क चाहिए।

कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।

झूठ कहूँ तो बहुत कुछ है मेरे पास,
सच कहूँ तो कुछ नही सिवा तेरे मेरे पास।

काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को,
किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते।

अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं,
कि मेरा हौसला भी साथ न दे रहा है।

अकेले ही सहना
अकेले ही रहना होता है,
अकेलेपन का हर एक आँसू,
अकेले ही पीना होता है।

तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच,
आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के बीच।

ऐसा भी क्या गुनाह किया,
चाहा जो तुम्हें फ़ना होके,
इसलिए तुमने अकेला छोड़ दिया।

जानता पहले से था मैं,
लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,
पर महसूस अब हो रहा है।

छोड़ दिया ना अकेला मुझे मेरे हाल पे,
क्या झूठे थे वो कसमें वो वादे,
असल में क्या थे तुम्हारे इरादे।

आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है,
साथ हैं सब मगर दिल क्यों अकेला सा लगता है।

नफ़रतों के शहर में अकेला सा हूँ मैं,
मुझे अच्छे लोगों कि नहीं,
अच्छे वक़्त कि तलाश है।

जहां महफ़िल सजी हो
वह मेला होता है,
जिसका दिल टूटा हो,
वो तन्हा,अकेला होता है।

खुद को खोकर मिले थे तुम,
अब साँझ अकेली साथ नहीं तुम।

बर्बादियों का हसीन एक मेला हूँ मैं,
सबके रहते हुए भी बहुत अकेला हूँ मैं।

घिरा हुआ हूं लोगो से,
फिर भी अकेला हूँ मै।

आज तब अहसास हुआ मुझे अकेलेपन का,
जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे।

तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन,
तसल्ली बस इतनी सी है,
अब कोई फरेब साथ नहीं।

दोहरी शक्सियत रखनें से इन्कार है हमें,
इसलिये अकेले रहना स्वीकार है हमें।

अकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँ,
ख़ुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रहा हूँ।

गुजर जाती है ज़िन्दगी,
यूँ ही गुजर रहे हैं पल,
कोई हमसफ़र मिले न मिले,
तू अकेला ही चल।

जब तक थी मर्जी तब तक खेला,
फिर तुमने मुझे परे धकेला,
साथ अब मेरे मेरी कलम है,
समझो न मुझको तुम अकेला।

मेरी जंग थी वक्त के साथ,
फिर वक्त ने ऐसी चाल चली,
मैं अकेला होता गया।

किसी का कल अकेला था,
किसी का आज अकेला है,
सुर की तलाश है सबको,
यहाँ हर साज़ अकेला है।

कोई भी सुनलेगा दर्द,
ये दुनियां अजनबियों का मेला है,
सहानुभूति वही दिखाएगा,
जो शक्स दर्द में अकेला है।

अकेले आने और अकेले जाने के बीच अकेले जीना सीखना ही जिंदगी है।

किसी ने दिल जीत लिया,
किसी ने दिल हारा था,
जो अकेला रह गया,
बस वो दिल हमारा था।

अब मैं अकेले नहीं बैठता कहीं,
बहुत डराती हैं तुम्हारी यादें मुझे अकेले में।

मैं अकेला ही भला हूँ,
किसी औऱ की उम्मीद नहीं करता,
तन्हाई रोज़ खुल कर जीता हूँ,
भीड़ से गुज़रने की जिद नहीं करता।

आंखो से देखा तो बहुत लोग मिले देखने को,
दिल से देखा तो भरी महफिल में खुदको अकेला पाया।

जो कभी भी किसी को अकेला नहीं छोड़ता है,
असल में वह सबसे अकेला होता है।

हम वहां काम आएंगे,
जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे।

भटका मैं इस दुनिया में इक साथ की तलाश में,
मैं गया जिस भी शहर,
मैंने खुद को अकेला पाया।

कोई कभी अकेला हो नहीं सकता,
जब वो अकेला होता है,
तो अकेलापन उसके साथ होता है।

किसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता है,
बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है।

तुम अब फिर लौटकर मत आना,
अब तन्हाई से मोहब्बत हो चुकी है।

जाने और कितना अकेला होगा इंसान,
आज सेल्फी लेता है,
कल खुद ही लाइक करेगा।

बहुत शौक था दुसरो को खुश रखने का,
होश तो तब आया,
जब खुद को अकेला पाया।

जिंदगी में इंसान उस वक्त बहुत टूट जाता है,
जब सब कुछ पास होकर भी
वह अकेला रह जाता है।

यूं तो अकेला भी अक्सर गिर के संभल सकता हूँ मैं,
तुम जो पकड़ लो हाथ मेरा,
दुनिया बदल सकता हूँ मैं।

कभी जो वादे करती थी,
ज़िदंगी भर साथ निभाने का,
वो एक पल में रिश्ता तोड़ गई,
मुझे यू बीच रह में अकेला छोड़ गई।

तेरा न सोना मुझे रात भर सोने नहीं देता,
तेरा अकेलापन मुझे अकेला होने नहीं देता।

अगर बेवफा होता तो भीड़ होती,
वफादार हूं इसलिए अकेला हूं।

इतिहास गवाह है जो सच्चा होता है,
वह अकेला होता है,
इसीलिए शायद सच्चाई का रास्ता लम्बा होता है।

कभी मेरे होने पे मिलो,
जान जाओगे कि कितना अकेला हूँ,
मैं अपने आप में।

अकेला हूँ या नहीं इसमें मुझे शंका है,
तुम ही बता दो ना भ्रम मेरे मन का है।

वक्त से उधार माँगी किस्तें चुका रहा हूँ,
शायद इस लिए मै अकेला नज़र आ रहा हूँ।

जब अकेला होता हूँ,
अकसर तुम्हे बुलाता हूँ,
जब तुम नहीं आते हो,
टूटकर यादों में खो जाता हूँ।

अकेला हूँ..
मुकम्मल होने की कोई चाह ना बची,
उदास हूं..
संग बैठ हमदर्द बने कोई उम्मीद ना बची।

सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी,
हम अकेले पूरी महफिल के बराबर है।

अकेला मरने के लिए तैयार हूँ,
लेकिन अकेला जीने के लिए तैयार नहीं हूँ।

तुम मेरे बाद हुये हो तन्हा…
मैं तेरे साथ भी अकेला था।

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